नागरिकता संसोधन विधेयक 2019,(CAA)

   

             नागरिकता संसोधन विधेयक 2019,(CAA)


भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में 9 दिसंबर को नागरिकता संसोधन बिल, 2019 लोकसभा में पेश किया गया तथा इस बिल के विरोध में 80 व पक्ष में 311 वोट पड़े और ध्वनिमत से पारित हुआ। 11 दिसंबर को नागरिकता संसोधन बिल राज्यसभा में पेश किया तथा इस बिल के विरोध में 105 औऱ समर्थन में 125 वोट पड़े और बिल पास हो गया। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के साथ ही यह बिल कानून के रूप में बदल गया। 10 जनवरी 2020 को भारत सरकार के गज़ट प्रकाशन की अधिसूचना से यह अमल में आ गया।

* नागरिकता कानून के प्रावधान
1. भारत के पड़ोसी देश ( जो कभी अखण्ड भारत का हिस्सा थे ) पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आए हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी औऱ ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है।

2. भारत में पहले कोई व्यक्ति लगातार 11 वर्षों तक रहता था, तब उसे नागरिकता दी जाती थी, अब इसे 5 वर्ष कर दिया गया है।

3. पाकिस्तान, अफगानिस्तान औऱ बांग्लादेश तीनों देश मुस्लिम राष्ट्र है औऱ भारत सरकार का मानना है कि वहां मुस्लिमों को धर्म के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जा सकता इसीलिए मुस्लिमों को नागरिकता नहीं दी जायेगी।

सचिन पारीक
IIMC,NEW DELHI

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