राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव।
कैलेंडर वर्ष के पहले या यूं कहें कि वित्तीय वर्ष के आखिरी संसद सत्र यानी कि बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति का दोनों सदनों के लिए (लोकसभा और राज्यसभा) संयुक्त अधिवेशन में अभिभाषण होता है. इसके तुरंत पश्चात आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है. बजट सत्र के दूसरे दिन यानी कि 1 फरवरी को आगामी वित्त वर्ष के लिए बजट प्रस्तुत किया जाता है. बजट में विभिन्न मंत्रालय एवं विभागों को 1 वर्ष के लिए राशि स्वीकृत की जाती है.
(राष्ट्रपति-रामनाथ कोविंद)
बजट प्रस्तुत होने के बाद विभिन्न सांसद या सदन के सदस्य राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आगे चर्चा करते हैं. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय विस्तृत रूप से रखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कई मुद्दों पर विपक्ष पर करारा प्रहार किया. प्रधानमंत्री ने अपने सरकार की विभिन्न नीतियों और योजनाओं के बारे में पिछले 5 वर्षों में हुए बदलाव के बारे में अवगत कराया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को घेरते हुए राहुल गांधी की भी चुटकी ली.हाल ही में राहुल गांधी ने दिल्ली चुनाव में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री के लिए कहा था कि 6 महीने के बाद युवा प्रधानमंत्री को डंडे मारेंगे,यह अपने घर से बाहर नहीं निकलेंगे. इसके जवाब में मोदी ने कहा कि मैं अब सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा और अपनी कमर को इतनी मजबूत कर लूंगा कि हर डंडा सहन कर सकूं. मैं पिछले 30-40 मिनट से भाषण दे रहा हूं, लेकिन करंट अब जाकर लगा है. कई ट्यूबलाइट देरी से जलती है.
(प्रधानमंत्री: नरेन्द्र मोदी)
प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य जवाब में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी को जवाब देते हुए कहा कि महात्मा गांधी आपके लिए ट्रेलर हो सकते हैं लेकिन हमारे लिए जिंदगी है.
धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए और एनपीआर पर चर्चा की लेकिन कहीं भी एनआरसी का जिक्र या चर्चा नहीं की. सीएए पर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री और राम मनोहर लोहिया जैसे महापुरुषों ने पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की थी और वंही आज की कांग्रेस इसके खिलाफ है.प्रधानमंत्री ने एक वक्तव्य में कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जैसे महापुरुषों ने भी पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं के बारे में सोचा था लेकिन आज की कांग्रेस को यह कम्युनल लग रहा है।
(डॉ. अंबेडकर औऱ जवाहरलाल नेहरू)
धन्यवाद प्रस्ताव के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी नेताओं से कहा कि हम सब साथ मिलकर 21वीं सदी में भारत को आगे ले जाने के बारे में सोचें और सब के साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाएं यहीं मेरी आशा है. धन्यवाद.
सचिन पारीक
IIMC,NEW DELHI.
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