400 क्रैश, 200 पायलट शहीद, वायुसेना के बेड़े से कब बाहर होगा लड़ाकू विमान मिग-21?

 खबर

बाड़मेर जिले की बायतु तहसील के भीमड़ा गांव में 28 जुलाई की रात तेज धमाके के साथ वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग 21 क्रैश हो गया. पायलट विमान से इजेक्ट करते इससे पहले ही विमान आग का गोला बन गया. लगभग आधा किलोमीटर में फैला मलबा धूं-धूंकर जलता रहा.हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले विंग कमांडर मोहित राणा व जम्मू निवासी फ्लाइट लेफ्टिनेंट आदित्य बल का निधन हो गया. भारतीय वायुसेना व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों जवानों की मौत पर दु:ख जताया.


(वीडियो स्त्रोत : स्थानीय निवासी)

(बाड़मेर मिग 21 क्रैश में शहीद हुए जवान)




शहीद अभिनव के दोस्तों ने ऑनलाइन पिटीशन साइन कर मिग 21 को रिटायर करने का अभियान चलाया

21 मई 2021 को पंजाब के मोगा में मिग 21 क्रैश हो गया.इस दुर्घटना में भारतीय वायुसेना के 29 वर्षीय स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी की मौत हो गई. अभिनव की मौत के बाद अभिनव के बचपन के दोस्तों ने एक ऑनलाइन पिटीशन साइन कर मिग 21 को रिटायर करने का अभियान चलाया. इस पिटीशन पर अब तक 27903 लोगों ने साइन किए हैं. तमाम प्रयासों के बाद भी मिग 21 अभी भी बेड़े में बना हुआ है.

"फ्लाइंग कॉफिन" और "विडो मेकर" के नाम से क्यों जाना जाता है मिग 21

मिग 21 लड़ाकू विमान के हादसों की एक लंबी लिस्ट है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1971-72 के बाद 400 से अधिक मिग 21 दुर्घटना के शिकार हुए हैं, जिनमें 200 से ज्यादा पायलट व 50 अन्य लोगों की मौत हुई हैं. लगातार हो रहे हादसों और जवानों की मौत के कारण ही इसे "फ्लाइंग कॉफिन" यानि "उड़ता हुआ ताबूत" कहा जाता है. हालांकि भारतीय वायुसेना ऐसा मानने से इनकार करती है. यही कारण है कि इसे सुरक्षित विमान साबित करने के लिए भारतीय वायु सेना के दो पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ और आरकेएस भदौरिया ने खुद इस विमान से उड़ान भरी थी।


(File Photo : Mig-21)


भारतीय वायुसेना में कब शामिल हुआ मिग 21?

मिग 21 को मिकोयान गुरेविच कहते हैं, यह सोवियत संघ के उन्नत विमानों में से एक है. मिकोयाव कंपनी रूस में इसका निर्माण करती थी. 1959 में इसे रूस ने अपनी वायुसेना में शामिल किया. 1963 में भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में कुल 874 मिग 21 लड़ाकू विमानों को शामिल किया. इनमें से ज्यादातर विमानों का निर्माण भारत की हिंदुस्तान ऐयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने किया था. वर्तमान में इस विमान का निर्माण बन्द कर दिया है केवल इसे अपग्रेड किया जाता है.

वायुसेना के लिए मिग 21 खास क्यों?

मिग 21 भारतीय वायुसेना के पहले सुपर सोनिक विमान के रूप में जाना जाता है. यह विमान ध्वनि की गति से तेज उड़ने की क्षमता रखता है. मिग 21 ने वायुसेना के लिए कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है. 1965, 1971 व 1999 में पाकिस्तान से हुए युद्धों में मिग 21 ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय विंग कमांडर अभिनंदन ने इसी मिग 21 से पाकिस्तान के F-16 विमान को मार गिराया था.

विमान की खामियां और वायुसेना की जरूरत

यह एक ऐतिहासिक किस्म का विमान है. पिछले 6 दशकों में इस विमान का 60 से अधिक देशों ने इस्तेमाल किया है. तकनीकी खराबी व अन्य कारणों से कई देशों ने इसका उपयोग बन्द कर दिया है, लेकिन भारतीय वायुसेना अभी उपयोग कर रही है. इन विमानों के इंजन की तकनीक पुरानी है और इनकी डिज़ाइन व फ्रेम भी पुरानी है. आधुनिक तकनीक के अनुसार इसको अद्यतन नहीं किया जा सकता है. इस विमान के निर्माता रूस ने इसे 1985 में ही रिटायर कर दिया था.

भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है.वायुसेना की सबसे बड़ी समस्या इसके पुराने होते विमान है.मिग 21 को रिटायर करने की बात कई बार की जाती है. फिलहाल वायुसेना की जरूरतों को देखते हुए 2024 तक मिग को रिटायर करने की संभावना ना के बराबर है.भारतीय वायुसेना के पास मिग-21 विमानों के 4 स्क्वाड्रन हैं.एक स्क्वाड्रन में लड़ाकू विमानों की संख्या 16 से 18 के बीच होती है.अनुमान के मुताबिक, वायुसेना के पास 64 मिग-21 उपलब्ध है. भारतीय वायु सेना की मांग के अनुसार, पाकिस्तान और चीन दोनों को एक साथ काबू करने के लिए लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है. हालांकि, वर्तमान में सेना के पास 31-32 स्क्वाड्रन ही उपलब्ध हैं. एक स्क्वाड्रन में विमानों की संख्या 16 से 18 के बीच होती है. अगर मिग-21 को तत्काल प्रभाव से रिटायर करना पड़े, तो स्क्वाड्रन की संख्या 30 से भी कम हो जाएगी.


(India's Indigenous Fighter Aircraft TEJAS)


(Rafale Aircraft)


मिग 21 को रिटायर करने के लिए तेजस के निर्माण में तेजी लाना बेहद जरूरी है. तेजस भारत का पहला पूर्णरूप से स्वदेश निर्मित विमान है. वायुसेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 83 हल्के स्वदेशी तेजस विमानों के निर्माण का आर्डर दिया है. तेजस के साथ ही राफेल विमानों के वायुसेना में शामिल होने से वायुसेना की शक्ति बढ़ जाएगी. इन विमानों के बेड़े में शामिल होने के बाद मिग 21 को रिटायर किया जाएगा. इस प्रक्रिया को पूर्ण होने में लगभग 2 वर्ष का लंबा समय लग सकता है.



Comments

Popular posts from this blog

जनसंघ से भाजपा औऱ 2 से 303 सीटों तक का सफर...

मध्यप्रदेश की राजनीति में सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के मायने!

सवालों के घेरे में दिल्ली पुलिस!